
प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित परीक्षा पे चर्चा का यह पांचवा संस्करण है, प्रधानमंत्री जी ने सम्बोधन के साथ बताया की परीक्षा की वजह से हम परीक्षा के दौरान आये उत्सव का आंनद नहीं ले पाते तोह क्यो ना हम परीक्षा को ही उत्सव के रूप मे मनाये, प्रधानमंत्री जी का इतना कहना ही छत्रो का तनाव आधा कम हो जाता है, और एक्जाम स्ट्रेस मैनेजमेंट स्ट्रेटजी को सार्थक कर देता है , देश के कोने-कोने से छात्रों ने प्रधानमंत्री जी से अपने परेशानी और संदेह भरे सवाल पूछे, प्रधानमंत्री जी ने सभी छात्रों के सवालो के जवाब दिया और उनकी परेशानी का निवारण किया, साथ ही येह भी बताया की मित्रो के कार्यो का अनुसरण ना करे, अपने पर भरोसा रखे और पूर्ण आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में सम्मलित होये, साथ ही छात्रों के अभिवाहको को भी एक सुंदर संदेश दिये की प्रत्येक छात्र की अपनी काबिलियत होती, उनकों पह्चाने और उनका हौसला बढ़ाए ना की अपने अधुरे सपने और अपनी ईच्छा उनसे पूरी कराये, प्रधानमंत्री जी ने छात्रो को यह भी बताया की कंपिटीशन का माहौल हमेशा बनाये रखे, यह आपको आगे बढ़ने मे सहायक होती है, पूछे गये सवालो मे नयी एदुकेशन पॉलिसी के विवरण को भी बताया,
शिक्षा मंत्री जी ने बताया की हम अभी आज़ादी का 75 वा वर्षगाँठ मना रहे हैं, जब हम आज़ादी का 100 वा वर्षगाँठ मनायेंगे तब देश कि बागडोर आप के हाथ मे होगी, और संसार मे आप अपने देश को प्रस्तुत करेंगे, पाठशाला के ओ लेवेल , डि.सी.ए. और सी.सी.सी. छात्रो में अंजली, रणविजय, प्रियांशु, सक्षम, जुली, पूनम, साक्षी, संध्या, दिव्यांशु, तन्वी, दीक्षा, प्रिया, शुभम इत्यादि ने भाग लिया और लाभवांतित हुए, कार्यक्रम मे सम्मलित हुए शिक्षक श्रीमती इंदु गुप्ता, सुश्री मोनिका सिंह, श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह और श्री महेश पाल रहे